परम पूज्य गणिनी आर्यिका गुरुमां 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी राजस्थान स्थित नवनिर्मित व्रती आश्रम के व्रतीयों ने रोट तीज के पावन अवसर पर केशलोंच की क्रिया संपन्न की।श्रीमती मनो देवी जैन गुड़गांव ने गुरुमां से 7 प्रतिमा के व्रत एवं श्वेत वस्त्र धारण करने का नियम ग्रहण किया।
सात प्रतिमा धारी की कैश लोच हुई
परम पूज्य गणिनी आर्यिका गुरुमां 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी राजस्थान स्थित नवनिर्मित व्रती आश्रम के व्रतीयों ने रोट तीज के पावन अवसर पर केशलोंच की क्रिया संपन्न की।
श्रीमती मनो देवी जैन गुड़गांव ने गुरुमां से 7 प्रतिमा के व्रत एवं श्वेत वस्त्र धारण करने का नियम ग्रहण किया। साथ ही पूज्य गुरु मां की आहार चर्या कराने का सौभाग्य भी प्राप्त किया।
गुरु भक्त सुरेंद्र पाटनी एवं पदमचंद पाटनी विवेक विहार जयपुर ने गुरु मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रतिक जैन सेठी ने बताया की रोट तीज के पावन अवसर पर विज्ञातीर्थ क्षेत्र पर भक्ति भावों के साथ भक्त अशोक जैन रुपनगढ सपरिवार ने भगवान के चरणों में रोट चढ़ाई।
पूज्य माताजी ने प्रवचन देते हुए आज के दिन का महत्व बताया कि किसी काल में एक जैन परिवार पाप कर्मोदय से गरीबी के कष्ट भोग रहा था। तदुपरांत उस गरीब महिला ने अपने पास रखा हुआ एक अनाज का दाना दान में दिया था।
उसके दान के प्रभाव से उनके घर में अटूट संपदा एवं धन समृद्धि की प्राप्ति हुई। भक्ति भाव के साथ दान देने से अचिंत्य फल की प्राप्ति अवश्य ही हुआ करती है।
कैश लोच भी बहुत बड़ा उपकरण आर्यिका ने बताया
स्रोत- जैन गजट, 7 सितंबर, 2024, पर: https://jaingazette.com/vigyatirth-shetra-par-mano-devi/
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James martin
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