परम पूज्य गणिनी आर्यिका गुरु मां 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी राजस्थान में चातुर्मासरत है। माताजी के पावन प्रेरणा से विज्ञातीर्थ क्षेत्र पर 108 फीट उत्तुंग कलशाकार सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
विज्ञातीर्थ गुंसी जिला टोंक
परम पूज्य गणिनी आर्यिका गुरु मां 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी राजस्थान में चातुर्मासरत है।
माताजी के पावन प्रेरणा से विज्ञातीर्थ क्षेत्र पर 108 फीट उत्तुंग कलशाकार सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। प्रतिक जैन सेठी ने बताया कि इसी के साथ यात्रियों की सुविधा हेतु भोजनशाला,विश्राम कक्ष,गार्डन एवं चैत्यालय में स्थित अतिशयकारी श्री शांतिनाथ भगवान के दर्शनों का लाभ मिल रहा हैं।
आज की शांतिधारा करने का सौभाग्य राकेश जैन कोटा सपरिवार ने प्राप्त किया। इसी के साथ भक्तामर दीप अर्चना अजय सोनी मालपुरा द्वारा करायी गई।आज के चातुर्मास संयोजक बनने का सौभाग्य नवीन जैन फिरोजपुर वालों ने प्राप्त किया।
पूज्य माताजी के सान्निध्य में आगामी पर्युषण महापर्व पर दशलक्षण मण्डल विधान का भव्य आयोजन 10 दिन तक होने जा रहा है।अनेकों श्रद्धालु इस आयोजन में जुड़ रहे हैं। माताजी ने अपने प्रवचनों के माध्यम से भक्तों को संबोधित करते हुए कहां कि-जीवन का सही रास्ता भगवान के प्रति आस्था से ही प्राप्त होता है*।
इसी मार्ग को महान पुरुषों ने अपना कर अपने जीवन को सफल बनाया। धर्म जीवन को सही दिशा देता है और इसी से ही जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। भक्तों की आस्था का केंद्र बन चुके विज्ञातीर्थ क्षेत्र की वंदना करने हेतु यात्रीगण दर्शनार्थ पहुंच रहे हैं। अतिशयकारी श्री शांतिनाथ भगवान के दर्शनों का लाभ आप भी प्राप्त कर अतिशय पुण्य कमाए।
ऐसा गुरु माता जीअपने उद्बोधन में भक्तों को बताया
स्रोत- जैन गजट, 3 सितंबर, 2024, यहां:https://jaingazette.com/jeevan-mai-sahi-rasta-bhagwan/
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James martin
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