दीमापुर: दीमापुर के दिगंबर जैन मंदिर में विराजमान राजकीय अतिथि आचार्य प्रमुख सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में 48 दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जा रहा है।
दिमापुर: दीमापुर के दिगंबर जैन मंदिर में विराजित राजकीय आतिथि आचार्य प्रमुख सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में 48 दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन बड़े ही धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर आज आचार्य श्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को 42वें श्लोक का महत्व समझाते हुए कहा कि बाहर के हाथी,घोड़े, शत्रु ,सैनिक कितने भी हो अगर हमारे अंदर भगवान के प्रति, गुरु के प्रति सच्ची भक्ति भावना हो, तो कोई शत्रु हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता।
उन्होंने कहा कि ईर्ष्या,अहंकार, क्रोध आदि हमारी आत्मा का घात करने वाले हाथी, घोड़े, सर्प, बिच्छू शत्रु स्वरूप है। हमे उनको पराजित कर अपने जीवन का कल्याण करने के लिए भगवान और गुरु की भक्ति करनी चाहिए। क्योंकि प्रभु के नाम स्मरण से अशुभ कर्म के हाथी घोड़े सब भाग जाते हैं।इसलिए हमें सच्चे मन से प्रभु की भक्ति करनी चाहिए। तभी हमारा जीवन का कल्याण होगा।।
स्रोत- जैन गजट, 3 सितंबर, 2024 यहां:https://jaingazette.com/bhaktamar-mahamandal-vidhan-ka-ayojan/
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James martin
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