भाद्रपद कृष्णा एकम मंगलवार 20 अगस्त से भाद्रपद मास प्रारंभ होने से फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के दिगम्बर जैन मंदिरों में एक माह तक विशेष धार्मिक आयोजन आयोजित किए जाएंगे
भाद्रपद कृष्णा एकम मंगलवार 20 अगस्त से भाद्रपद मास प्रारंभ होने से फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के दिगम्बर जैन मंदिरों में एक माह तक विशेष धार्मिक आयोजन आयोजित किए जाएंगे,
कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने अवगत कराया कि आज चंद्र प्रभु नसियां जी में प्रातः अभिषेक शांतिधारा अष्टद्वव्यों से पूजा-अर्चना के बाद रतनलाल सिंघल, नेमीचंद कागला,फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान महावीर प्रसाद बावड़ी, पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, पारस नला,रमेश बावड़ी, उत्तम जैन बावड़ी, विनोद मोदी तथा राजाबाबू गोधा के परिवार जनों की तरफ से महा शांति कर सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की गई
कार्यक्रम में गोधा ने बताया कि मंगलवार 20 अगस्त से षोडशकारण व्रत एवं मेघमाला व्रत प्रारंभ हो गए जो बुधवार 18 सितंबर तक चलेंगे, कार्यक्रम में समाज की सुशीला बावड़ी व चन्द्रकांता सिंघल ने बताया कि सोलहकारण या (षोड्श कारण) पर्व का नाम सोलह भावनाएं हैं जो तीर्थंकर पद मिलने का कारण है,
इसके व्रत श्रावकों के द्वारा तीर्थंकर पद पाने के लिए किया जाता है, इनके 32 व्रत होते हैं, हर भावना के दो दिवस होते हैं, जो वर्ष में तीन बार किए जाते हैं, इसके व्रत माघ, चैत्र एवं भाद्रपद मास में किए जाते हैं अर्थात एक वर्ष में 96 व्रत किए जाते हैं,
समाज की ममता बावड़ी व रानी नला ने बताया कि दर्शन विशुद्धी भावना, विनय संपन्नता भावना,शील -व्रत अनिति चार भावना, अभीक्षण ज्ञानोपयोग भावना, अभिक्षण संवेग भावना, शक्ति स्तप भावना, शक्ति त्याग भावना, साधु समाधि की भावना, वैया वृत्यकरण भावना, अरिहंत भक्ति भावना, आचार्य भक्ति भावना, बहुश्रुतभक्ति भावना ,प्रवचन भावना, आवश्यक अपरिहाणि भावना, मार्ग प्रभावना भावना, तथा प्रवचन वात्सल्य भावना इस तरह सोलह भावनाएं होती है।
इस तरह भाद्रपद मास में एक माह तक जैन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना एवं विशेष धार्मिक आयोजन आयोजित किए जाएंगे।
उक्त कार्यक्रम में रमेश बावड़ी, सुरेश बावड़ी,महेश बावड़ी, कमलेश चोधरी, त्रिलोक पीपलू,कमलेश सिंघल, राजाबाबू गोधा तथा संतोष बावड़ी,सुशीला बावड़ी,मैना बावड़ी,ममता जैन बावड़ी, पायल झंडा, मीरा झंडा, संजू बावड़ी, संजू जैन कागला ,रानी नला, मोना मोदी,मन्नु बावड़ी, तथा चन्द्रकान्ता सिंघल सहित सभी श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।
स्रोत- जैन गजट, अगस्त, 21,2024 पर: https://jaingazette.com/fagi-kasbe-sahit-parishetra-2/
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James martin
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