News details

img समाचार

हाथ छोटे हो सकते हैं, हिम्मत छोटी नहीं हो सकती आचार्य प्रसन्नसागर महाराज

हाथ छोटे हो सकते हैं, पर हिम्मत छोटी नहीं हो सकती। यह उद्धगार भारत गौरव अंतर्मना तपाचार्य प्रसन्नसागर ने श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन खंडेलवाल मंदिर, जूनी शुक्रवारी में व्यक्त किए।

हाथ छोटे हो सकते हैं, पर हिम्मत छोटी नहीं हो सकती। यह उद्धगार भारत गौरव अंतर्मना तपाचार्य प्रसन्नसागर ने श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन खंडेलवाल मंदिर, जूनी शुक्रवारी में व्यक्त किए।

अंतर्मना तपाचार्य प्रसन्नसागर के चतुर्विध संघ की अगवानी मंगलवार को हुई। बैद्यनाथ चौक से निकलकर ऊंटखाना चौक, सम्राट अशोक चौक से होते हुए श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन खंडेलवाल मंदिर, जूनी शुक्रवारी में बाजे-गाजे के साथ प्रवेश हुआ। सान्निध्य क्षुल्लिकारत्न विस्मिताश्री एवं विगम्या श्री माताजी का रहा। आचार्य प्रसन्नसागर महाराज के संघ सान्निध्य एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय मुनिश्री पीयूषसागर महाराज के कुशल निर्देशन में आगे का मंगल प्रवास चल रहा है

तपाचार्य प्रसन्नसागर जी के चतूरविध संघ साथ हुआ प्रवेश

आचार्य प्रसन्नसागर ने कहा कि आचार्य के चरण मिल गए, तो चारों धाम मिल गए। मौत कभी भी आ सकती, कोरोना

का कोई भरोसा नहीं कभी भी रुक सकती है। जैन कुल में जनम लेना सरल है पर जैन होकर मरना बहुत कठिन है। जैसा करम करोगे वैसा भोगना ही पड़ेगा।में कितने खो गए। पत्नी का संबध घर की चौखट तक, दोस्त का संबध चिता पर लिटाने तक और पुत्र का संबध अग्नि लगाने तक रहता है, बाकी सब धरा का धरा पर ही रह जाता है।

सहजसागर महाराज ने कहा कि 2015 के चातुर्मास में भी नागपुर में पारसनाथ भगवान की आराधना में रत थे। आज फिर से उन्होंने बुलाया तो हम हाजिर हो गए। क्षुल्लिकारत्न विस्मिता श्री माताजी ने बताया कि वैराग्य में आचार्य प्रसन्नसागर जैसे प्रेरणास्त्रोत रहे। बुधवार, 27 नवंबर को सुबह जिनाभिषेक नागदा मंदिर आदि की देव वंदना, दोपहर 3.30 बजे सदर में मंगल प्रवेश। शाम 6.15 बजे गुरु भक्ति, आनंद यात्रा, मंगल आरती आदि होंगे। खंडेलवाल मंदिर के अध्यक्ष राकेश पाटनी, मंत्री नरेश कासलीवाल, संयोजक पंकज बोहरा एवं संयोजिका रेखा बडजात्या ने उपस्थिति की अपील की है। यह जानकारी प्रचार प्रसार प्रमुख हीराचंद मिश्रीकोटकर ने दी।

स्रोत- जैन गजट, 28 नवंबर, 2024 यहां:-https://jaingazette.com/hath-chhote-ho-sakte-hai-hidmat-chhoti-nhi-ho-sakti/

icon

Children education manual .pdf

2 Comments

img
James martin
Reply

Lorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.

img
James martin
Reply

Lorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.

Leave a comment