सोनीनगर जैन मन्दिर स्थापना दिवस रजत वर्ष के अवसर पर आज श्री शान्तिनाथ विधान का आयोजन सम्पन्न हुआ
श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर समिति, सोनीनगर अजमेर में मन्दिर स्थापना दिवस रजत वर्ष के अवसर पर आज 1008 श्री शान्तिनाथ भगवान के नित्य नियम अभिषेक व वृहदषान्तिधारा कमल-पुष्पा बाकलीवाल, मनोज कासलीवाल, सुरेन्द्र मित्तल, निमेष गंगवाल द्वारा डॉ. राजकुमार गोधा के मुखारबिन्द से हुई ।
प्रवक्ता संजय कुमार जैन ने बताया कि आज रजत वर्ष के उपलक्ष में श्री 1008षान्तिनाथ मंडल विधान पुण्यार्जक कमल कुमार कलष कुमार बाकलीवाल परिवार द्वारा कराया गया तथा मंाडने पर कलष, दीप प्रज्जवलन आदि का कार्य विधिविधान पूर्वक किया गया तथा 72 अर्घ श्रीफल मांडने पर समर्पित किये गये । डॉ. राजकुमार गोधा ने बताया कि शान्तिनाथ भगवान जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर है जो तीन पद के धारी थे चक्रवर्ती, कामदेव और तीर्थंकर पदवी से सुषोभित थे कहा जाता है कि शान्तिनाथ भगवान के काल / समय से ही धर्म की प्रभावना सुचारू रूप से होने लग गई थी । भगवान जी के शरीर पर जन्म से ही शुभ चिन्ह थे । कहते है कि उनकी 96 हजार रानियां थी उनके पास 84 लाख हाथी, 360 रसोईये, 28 हजार वन थे तथा भगवान पूर्व जन्म में एक राजा थे जो अपनी प्रजा की रक्षा के लिए सदा तत्पर रहते थे ।
कमल बाकलीवाल ने बताया कि आज के विधान में बैठने वालो में कमल बाकलीवाल, संजय कुमार जैन, शान्तिलाल पाटनी, प्रदीप बडजात्या, मोहनलाल जैन, सुमेरचंद बज, प्रकाष पल्लीवाल, दीपक दोसी, मनोज कासलीवाल, प्रकाष गोधा, ललित पाटनी, सुनीता कासलीवाल, सीमा जैन, सुलोचना गोधा, निर्मला पाटनी, ममता दोसी, निषा सेठी, मीनाक्षी कासलीवाल, सीमा दोसी, निर्मला पाटनी, उर्मिला पाटनी, मुन्नी देवी, शषि सेठी, पिंकी बज, प्रभा पाटनी, सरोज जैन, किरण जैन, सुनीता जैन आदि गणमान्य श्रावकजन थे ।
रात्रि में 108 दीपको से महाआरती एवं भक्तामर पाठ सामूहिक रूप से किया गया ।
स्रोत- जैन गजट, 28 नवंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/shri-adinath-digamber-jain-mandir-samiti-2/
Copyright © 2024 All Rights Reserved
2 Comments
James martin
ReplyLorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.
James martin
ReplyLorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.