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जैन जिनालय कुंवरपुर में रात्रि को देवी देवता संगीतमय भक्ति करते प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज के जन्म भूमि है

कुंवरपुर छोटा सा ग्राम है ,जहां पर लगभग ढाई सौ वर्ष प्राचीन जिन मंदिर बना हुआ है , यहां पर पूर्व में रात्रि में देवता गण जिनेंद्र प्रभु की संगीतमय आराधना किया करते थे

आज पंचम काल में भी अद्भुत भगवान की आराधना करने रात्रि को देवी देवताओं द्वारा संगीत में भक्ति होती है

कुंवरपुर छोटा सा ग्राम है ,जहां पर लगभग ढाई सौ वर्ष प्राचीन जिन मंदिर बना हुआ है , यहां पर पूर्व में रात्रि में देवता गण जिनेंद्र प्रभु की संगीतमय आराधना किया करते थे, यहां के जिन मंदिर में प्राचीन प्रतिमा विराजमान हैं, यहां पर ही परम ,पूज्य, प्रवचन केसरी ,मुनि श्री 108 विश्रांत सागर जी मुनिराज ने जन्म लिया है यहां पर ही मुनि श्री सुमित्र सागर जी का जन्म हुआ है, तथा क्षुल्लक विजितेंद्र सागर एवं क्षुल्लक विश्वोत्तम सागर महाराज जी ने भी जन्म लिया है एवं ब्रह्मचारिणी राधा दीदी भी इसी ग्राम की हैं बाल ब्रह्मचारिणी रिंकी दीदी ने भी यहीं जन्म लिया है, कुंवरपुर ग्राम दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, कहां पर लगभग दिगंबर जैन समाज के बीस घर हैं यहां पर मुनि श्री 108 विश्रांत सागर महाराज जी ससंघ के सानिध्य में 11 मई से 16 मई 2023 तक भव्य पंचकल्याणक संपन्न हुआ था, 

उसके बाद यहां के लोगों की विशुद्ध भावना से एवं मुनि श्री के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से कमल सहित मुनि सुव्रत नाथ भगवान की पद्मासन में सवा 12 फीट की जिन प्रतिमा , श्री धर केवली जो कुंडलपुर से मोक्ष गए हैं इनकी पद्मासन में सवा 9 फुट की जिन प्रतिमा एवं तीन अनुवद्ध केवली अर्थात् गौतम स्वामी , सुधर्म स्वामी एवं जम्बू स्वामी की पद्मासन में सवा 9 फुट की प्रतिमा एवं भरत व बाहुबली भगवान की खड़गासन में सवा 12 फुट की प्रतिमा, एवं विदेह क्षेत्र की 20 जिन प्रतिमा खड़गासन में सवा 11 फीट की विराजमान होना है ,लगभग सभी जिन प्रतिमा जिन मंदिर में आ चुकी हैं, यदि आपकी विशुद्ध भावना जिन प्रतिमा विराजमान करने की हो तो कुछ जिन प्रतिमा अभी शेष बची हुई हैं आप भी अपनी चंचल लक्ष्मी का उपयोग कर सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं बहुत कम राशि में बहुत बड़ी जिन प्रतिमा विराजमान करने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं 🙏 जिसके पंचकल्याणक की घोषणा शीघ्र अतिशीघ्र कर दी जाएगी, आप यहां पर अपने परिवार सहित पधारकर जिन मंदिर के दर्शन कर पुण्य लाभ जरूर करें 🙏 🙏 🙏 🙏 यहां से कुंडलपुर सिर्फ 45 किलोमीटर दूरी पर है, अतिशय क्षेत्र श्रेयांशगिरी भी लगभ 65 किलोमीटर दूरी पर है, दमोह कटनी रेलवे स्टेशन से लगभग 85 किलोमीटर दूर पर स्थित है, पन्ना से लगभग 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, यह सभी चित्र कुंवरपुर जैन मंदिर के हैं,अभी गुरुवार कुंवरपुर में ही विराजमान हैं कुंवरपुर के भक्तों ने गुरुवर की मंगल आरती की,
प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज द्वारा राजस्थान में 18 भव्य पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न कराए हैं प्रवचनों के महान विख्याता है

स्रोत- जैन गजट, 28 नवंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/jain-jinalya-kunvarpur-mai-ratri-ko-devi-devta/

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