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सुधा का सागर निर्यापक श्रमण जगतपूज्य सुधा सागर जी महाराज

दिनांक 12 अक्टूबर को सागर भाग्योदय तीर्थ क्षेत्र मे जगतपूज्य सुधा सागर महाराज के सान्निध्य मे मध्य प्रदेश कि सकल दिगम्बर जैन समाज का वर्हद सम्मलेन आयोजित हुआ।

दिनांक 12 अक्टूबर को सागर भाग्योदय तीर्थ क्षेत्र मे जगतपूज्य सुधा सागर महाराज के सान्निध्य मे मध्य प्रदेश कि सकल दिगम्बर जैन समाज का वर्हद सम्मलेन आयोजित हुआ। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने कहा कि मध्यप्रदेश के लगभग 52 जिलों से विभिन्न विभिन्न संस्थाओं, मंदिरों, एवं समाज संगठनों, सोशल ग्रुप फेडरेशन, विश्व जैन संगठन इंदौर, और तीर्थ क्षेत्रों के हज़ारों कि संख्या मे प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी के मन में एक वेदना थी कि अब हम बहुत बट चुके है अब सभी को एक होना है। इसी वेदना को देखते हुए जब जगतपूज्य मुनि पुंगव सुधासागर जी ने मंच से सिंह नाथ शंखनाद किया तो सम्पूर्ण समाज के अंतर्मन को झकझोर कर दिया। जगतपूज्य के अंदर भी ये वेदना थी कि कैसे बटी हुई दिगम्बर समाज को एक सूत्र में पिरोया जाए उसके लिए कहां और किसको आवाज़ लगाई जाए। गुरु देव ने जय घोष करते हुए इस संगठन
को जगतपूज्य ने राष्ट्रीय जिनशासन एकता संघ नाम और जैनम जयतु शासनम् वन्दे भरत भारतम् का नारा दिया। जगतपूज्य गुरुदेव बोले मुझे सुभाष चंद्र बोस जैसा संघठन चाहिए है जो दीपक के ऊपर हाथ रखकर जब शपथ ले तो खून के चीथड़े निकल आएं पर शपथ पूरी होने के पहले अपना हाथ ना हटाएं। हज़ारों समाज प्रतिनिधियों ने अपना शीश जगतपूज्य के चरणों में समर्पित कर दिया और कहा कि आपके आदेश पर हम धर्म संस्कृति श्रमण संस्कृति के लिए ये शीश कटाने को भी तैयार है। जगतपूज्य गुरुदेव ने समाज जन प्रतिनिधियों में एक नया जोश भर दिया। गुरुदेव ने सूत्र देते हुए कहा कि हमें मात्र यही ध्यान रखना है कि हम मात्र दिगम्बर जैन है इसके अलावा और कुछ नहीं।

जगतपूज्य ने उद्बोधन देते हुए कहा कि नं 13 पंथ, नं 20 पंथ, सोनगढ़, संतवाद इन सब से ऊपर उठकर ये संघठन एकता के सूत्र में काम करेगा और एक विशेष केसरिया ध्वज के नीचे सभी एकता से काम करेंगे। गुरुदेव ने आदेश दिया कि इस संघठन कि किसी भी मीटिंग में किसी भी सदस्य का सम्मान नहीं होगा ऊपर से नीचे तक सभी एक समान रहेंगे। पूज्य गुरुदेव ने 5 ऐसे व्यक्ति तैयार होने को कहा जो अजीवन ब्रह्मचार्य व्रत लेकर अपना पूरा जीवन इस संघठन और समाज को समर्पित कर दें। उनके सम्पूर्ण जीवन कि जिम्मेदारी जगतपूज्य ने लेने कि घोषणा की. जिसमें 2 व्यक्तियों ने सहज ही तुरंत स्वीकृति प्रदान कर दी। गुरु जी बोले आगे ये संघठन राष्ट्र स्तर तक भी जल्दी ही पहुंचेगा। नमोस्तु शासन जयवंत हो।

स्रोत- जैन गजट, 15 अक्टूबर 2024 पर: ------

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